गाँव की याद में ग्रामाीण विकास के लिए समर्पित !
गाँव की याद में ग्रामाीण विकास के लिए समर्पित !
Gramin Vikash portal is developed with aim to provide collective information on one place which are required to improve the living standard of rural people by all means . Our best efforts to fulfil the statement of " It is half of the knowledge to know where is knowledge".
गाँव का विकास, भारत का विकास
इस पोर्टल का उद्देश्य, सभी ग्रामीण लोगों के सार्वागिण विकास हेतु आवश्यक महत्वपूर्ण जानकारी संकलित करना है जिससे कि लोगो को उनकी समस्या के समाधान के लिए समुचित मार्गदर्शन मिल सकें। आप लोगो ने प्राय: देखा होगा कि गाँव से निकलकर कुछ लोंग शहर, देश, यँहा तक की विदेश में विकास की नई-नई ऊंचाइयों एंव बुलंदियों को छू रहे हैे तथा रोज नयें किर्तिमान स्थापित कर रहे है । आज भी हमारे गाँव में बहुत से लोगों में मूलभूत सामान्य जानकारी, सूचनाओं तथा मार्गदर्शन का अभाव है। जिसके कारण इस आधुनिक डिजिटल युग में भी बहुत सेे ग्रामीण लोगों का जीवन अभी भी बहुत संघर्षमय है। इस बेवसाइट /बेवपोर्टल बनाने का उद्देश्य है कि समस्त ग्रामीण लोगों को दिन-प्रतिदिन की आवश्यक सूचना तथा जानकारी एक ही स्थान पर उपलब्ध कराना तथा मार्गदर्शन देने के लिए एक प्लेटफार्म का विकास करना है ।
हम आशा करते हैं कि इस बेवसाइट के माध्यम से "ज्ञान कहाँ है, यह जानना ही ज्ञान का आधा हिस्सा है" ( It is half of the knowledge to know where is knowledge) का विचार सचितार्थ होगा।
अपना गांव हमेशा हमारे दिल में विशेष स्थान रखता है। यह न केवल हमारे बचपन की यादों का हिस्सा है, बल्कि यहाँ की हर गली, खेत और पेड़ में एक अनमोल धड़कन समाई हुई है। गांव की सादगी, शांति और प्राकृतिक सौंदर्य..........आगे पढ़े
हमारे देश भारत का ग्रामीण परिदृश्य विशाल और विविधतापूर्ण है, जिसमें देश की आबादी और भूमि क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा शामिल है। भारत की 2011 की जनगणना के अनुसार, देश भर में 649,481 गाँव हैं, जिनमें से लगभग ..........आगे पढ़े
भारत में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बुनियादी ढांचे में कई महत्वपूर्ण अंतर देखे जाते हैं। शहरी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं अधिक विकसित होती हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में इनकी उपलब्धता ---------आगे पढ़े
भारत में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बुनियादी ढांचे में गुणवत्ता, पहुंच और विकास के मामले में महत्वपूर्ण असमानताएं हैं। निम्नलिखित तथ्यों और आंकड़ों के माध्यम से इस अंतर को समझा ---------आगे पढ़े
भारत में ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास में कई महत्वपूर्ण बाधाएँ हैं, जो समावेशी और संतुलित विकास को प्रभावित करती हैं। यहाँ कुछ प्रमुख चुनौतियों ---------आगे पढ़े
आधुनिक युग में, एक भारतीय गांव को समग्र विकास और जीवन की बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए पारंपरिक मूल्यों और आधुनिक बुनियादी ढांचे के मिश्रण ---------आगे पढ़े
एक आदर्श गांव में ये गुण होने चाहिए:
1. सुनियोजित बुनियादी ढांचा: सुलभ सड़कें, बिजली और पानी की आपूर्ति।
2. उच्च साक्षरता दर: आधुनिक सुविधाओं के साथ कार्यात्मक स्कूल।
3. स्वास्थ्य सेवा की उपलब्धता: प्रशिक्षित कर्मचारियों के साथ चालू PHC।
4. सतत आजीविका: खेती, व्यापार और उद्योग के अवसर।
5. सामाजिक सद्भाव: कोई जाति या धार्मिक संघर्ष नहीं, सभी द्वारा विकास में सक्रिय भागीदारी।
उत्तर प्रदेश में आदर्श गांवों के उदाहरण
1. हिवरे बाजार (महाराष्ट्र में प्रेरणादायी मॉडल):
o महाराष्ट्र में होने के बावजूद, इसकी प्रथाएं उत्तर प्रदेश को प्रेरित कर सकती हैं।
o जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन और टिकाऊ खेती पर ध्यान केंद्रित किया गया।
o गरीबी नहीं और उच्च साक्षरता दर।
2. हरचंदपुर (रायबरेली जिला):
o युवाओं के लिए बेहतर बुनियादी ढांचे और कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया।
o मनरेगा जैसी सरकारी योजनाओं में सक्रिय भागीदारी।
3. नगला फतेला (अलीगढ़ जिला):
o स्वच्छ भारत अभियान के तहत अपने स्वच्छता मॉडल के लिए पहचाना गया।
o महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने वाले मजबूत एसएचजी ।
सामुदायिक भागीदारी और कुशल शासन के साथ इन पहलों को लागू करके, उत्तर प्रदेश के गाँव आत्मनिर्भर, टिकाऊ और समृद्ध समुदायों में बदल सकते हैं-
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना: ग्रामीण कनेक्टिविटी प्रदान करती है।
• स्वच्छ भारत अभियान: स्वच्छता और सफाई को बढ़ावा देता है।
• रूर्बन मिशन: ग्रामीण क्षेत्रों में शहर जैसा बुनियादी ढांचा तैयार करता है।
• दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई): ग्रामीण विद्युतीकरण।
• मनरेगा: ग्रामीण परिवारों के लिए रोजगार सुनिश्चित करता है।
भारत सरकार के केंद्रीय बजट 2025-26 में ग्रामीण विकास के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। इन प्रावधानों के माध्यम से, सरकार का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाना, कृषि उत्पादन में सुधार करना और ग्रामीण विकास को प्रोत्साहित .---------आगे पढ़े