ग्रामीण विकास हेतु केंद्रीय बजट 2025-26 में प्रावधान
भारत सरकार के केंद्रीय बजट 2025-26 में ग्रामीण विकास के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:
कृषि बजट में 15% से अधिक वृद्धि: कृषि क्षेत्र के लिए बजट में 15% से अधिक की वृद्धि की गई है, जो लगभग $20 बिलियन (लगभग 1.75 लाख करोड़ रुपये) है। यह वृद्धि उच्च उपज वाले बीजों की किस्मों को बढ़ावा देने, भंडारण और आपूर्ति बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, दालों, तिलहनों, सब्जियों और डेयरी उत्पादन को बढ़ाने के लिए की गई है।
सब्सिडी के लिए 4.57 लाख करोड़ रुपये का आवंटन: खाद्य, उर्वरक और ग्रामीण रोजगार योजनाओं के लिए 4.57 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इनमें से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) के लिए 86,000 करोड़ रुपये, उर्वरक सब्सिडी के लिए 1.67 लाख करोड़ रुपये, और खाद्य सब्सिडी के लिए 2.03 लाख करोड़ रुपये शामिल हैं।
ग्रामीण रोजगार और आय वृद्धि: MGNREGA के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए 86,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे ग्रामीण परिवारों की आय में वृद्धि होगी।
शून्य गरीबी कार्यक्रम (Zero Poverty Program): उत्तर प्रदेश सरकार ने 'शून्य गरीबी कार्यक्रम' की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य गरीब परिवारों को खाद्य, वस्त्र, शिक्षा, चिकित्सा, आवास सुविधाएं और स्थायी आय सुनिश्चित करना है। इस कार्यक्रम के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर 25 सबसे गरीब परिवारों की पहचान की जाएगी और उन्हें विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा।
कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए मिशन: दालों और कपास के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विशेष मिशन शुरू किए गए हैं, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
इन प्रावधानों के माध्यम से, सरकार का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाना, कृषि उत्पादन में सुधार करना और ग्रामीण विकास को प्रोत्साहित करना है।