गाँव की याद में ग्रामाीण विकास के लिए समर्पित !
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भारत की वर्तमान आर्थिक स्थिति
आज का भारत एक मजबूत और तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था है, लेकिन यह यात्रा आसान नहीं रही। भारत ने कैसे संघर्षों से गुजरकर एक मजबूत आर्थिक शक्ति बनाई। आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और RBI, SEBI, NITI Aayog, LIC, SBI जैसी संस्थाएँ इस विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। आर्थिक सुधारों और संस्थागत समर्थन के बिना प्रगति संभव नहीं। अगर हम सही दिशा में कार्य करें, तो भारत जल्द ही एक विकसित राष्ट्र बन सकता है।
देश के वैज्ञानिक एवं अनुसंधानकर्ता के अनुभवों के माध्यम से भारत की आर्थिक यात्रा को इस प्रकार से समझा जा सकता है:-
1. GDP (सकल घरेलू उत्पाद) की तुलना
1947: भारत का GDP लगभग 2.7 लाख करोड़ रुपये था।
2025: भारत का GDP 300 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है और यह विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
2. आर्थिक संरचना में बदलाव
1947: भारत की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित थी, और उद्योग व सेवाओं का योगदान बहुत कम था।
2025: आज भारत की सेवा क्षेत्र (IT, बैंकिंग, टेलीकॉम) अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार है, जबकि विनिर्माण और कृषि में भी बड़ा बदलाव आया है।
3. प्रति व्यक्ति आय
1947: प्रति व्यक्ति आय लगभग ₹250 प्रति वर्ष थी।
2025: आज यह ₹2,00,000 प्रति वर्ष से अधिक हो चुकी है।
4. औद्योगिकीकरण और बुनियादी ढांचा
1947: बहुत सीमित उद्योग थे, और परिवहन, संचार एवं ऊर्जा के साधन बहुत कमजोर थे।
2025: भारत में मेट्रो, हाईवे, बुलेट ट्रेन, डिजिटल इंडिया जैसी पहल से बुनियादी ढांचा काफी मजबूत हुआ है।
5. विदेशी मुद्रा भंडार और व्यापार
1947: भारत के पास विदेशी मुद्रा भंडार बहुत कम था और व्यापार संतुलन नकारात्मक था।
2025: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार $600 अरब डॉलर से अधिक है और यह कई देशों को निर्यात करने वाला प्रमुख देश बन चुका है।
6. गरीबी और जीवन स्तर
1947: 70% से अधिक लोग गरीबी रेखा के नीचे थे।
2025: गरीबी में काफी कमी आई है, हालांकि चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं।
7. डिजिटल और तकनीकी विकास
1947: कोई डिजिटल प्रणाली नहीं थी, संचार के साधन सीमित थे।
2025: भारत डिजिटल क्रांति, UPI, स्टार्टअप, AI, स्पेस टेक्नोलॉजी में अग्रणी बन चुका है।