गाँव की याद में ग्रामाीण विकास के लिए समर्पित !
गाँव की याद में ग्रामाीण विकास के लिए समर्पित !
भारत जैसे विशाल और विविधता से भरे देश में ग्रामीण क्षेत्र देश की आत्मा हैं। इन्हीं ग्रामीण इलाकों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार ने वर्ष 2011 में एक महत्त्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की — राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM)। इस मिशन का उद्देश्य है ग्रामीण गरीबों को संगठित कर, उन्हें स्थायी आजीविका के साधन उपलब्ध कराना और उन्हें गरीबी के चक्र से बाहर निकालना।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का उद्देश्य: राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का मूल उद्देश्य है —"गरीबों को सक्षम बनाना कि वे स्वयं अपनी आजीविका का प्रबंधन कर सकें और गरिमापूर्ण जीवन जी सकें।" इसके तहत मुख्य लक्ष्य हैं:
ग्रामीण गरीबों को स्व-सहायता समूहों (SHGs) के रूप में संगठित करना।
उन्हें वित्तीय समावेशन (financial inclusion) से जोड़ना।
कौशल विकास और रोजगार के अवसर प्रदान करना।
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल करना।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की मुख्य विशेषताएं:
देशभर में 8 करोड़ से अधिक महिलाएं NRLM के तहत SHGs से जुड़ चुकी हैं।
हज़ारों गांवों में महिलाओं ने खुद के उद्यम (entrepreneurship) की शुरुआत की है।
कृषि, पशुपालन, हस्तशिल्प जैसे पारंपरिक व्यवसायों को व्यवस्थित और आधुनिक तरीके से बढ़ावा मिला है।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि एक सामाजिक परिवर्तन की क्रांति है। यह मिशन यह सिद्ध करता है कि जब ग्रामीण महिलाएं एकजुट होती हैं और उन्हें सही दिशा और संसाधन मिलते हैं, तो वे न केवल अपने परिवार को बल्कि पूरे गांव को आर्थिक रूप से सशक्त बना सकती हैं।